25.2.11

शिर्डी के साईं सन्देश

"धन संचय का उद्देश्य यह होना चाहिए कि उसका व्यय दान-धर्म आदि के भले कार्यो में हो I लेकिन, इसकी बजाय उसे केवल तुच्छ शारीरिक अथवा इन्द्रियों के आनंद से सम्बन्धित सुखों के लिये खर्च किया जाता है" I