20.2.11

शिर्डी के साईं सन्देश

"परस्पर विरोधी तथा मिथ्या विचार सर्वदा चित्त को भ्रमित करते है फलस्वरूप प्राणी सर्वदा दुशिचत्त हो कर जन्म- मरण आदि का दुःख अनुभव करता है" I