11.2.11

शिर्डी के साईं सन्देश

"जो नित्यप्रति मेरा नामस्मरण और पूजन कर मेरी कथाओं ओर लीलाओं का प्रेमपूर्वक मनन करते हैं, ऐसे भक्तों में सांसारिक वासनाएँ ओर अज्ञानरुपी प्रवर्तियाँ कैसे ठहर सकती हैं ? में उन्हें म्रत्यु के मुख से बचा लेता हूँ I"