14.12.10

Guru Nanaka

प्रत्येक व्यक्ति को भगवद-भजन और मानवता की सेवा से अपने ह्रदय को शुद्ध करना चाहिए, ईश्वर की इच्छा के अनुरूप बिना भुनभुनाए अपने जीवन को जीना चाहिए| उसकी इच्छा को ही अपनी इच्छा माने| असीम के साथ तादात्म्य बनाए रखे| इसके अतिरिक्त और कोई रास्ता नहीं है|