26.12.10

श्री साईं सच्चरित्र संदेश,

"पूर्व जन्मों में संचित आनंद पुण्य कर्मो के बल से अनायास ही जीव को इस नरदेह की प्राप्ति होती है I इसके अलावा जब वह आध्यात्मिक उन्नति भी करता है तो वह उसका सौभाग्य होता है" I