सुख के बाद दुःख आता है और कष्टों के बाद सुख की अनुभूति होती है लेकिन मनुष्य सदा सुखों का ही स्वागत करता है और कष्टों से दूर भागता हैं I
"Happiness is followed by unhappiness; and unhappiness follows happiness. One welcomes happiness, while one turns away from unhappiness."