"वस्तुओं के उपयोग में उदार और परोपकारी बनो गरीब, बीमार और अभावग्रस्त लोगों की सेवा करो उनके ह्रदय में भगवान रहता है उनकी सेवा करके तुम ईश्वर की सेवा करोगे अत: उनके प्रति घ्रिना, दुर्भाव और ईर्ष्या की भावना मत रखो"
Be liberal and benevolent in the use of things. Serve the poor, the sick and the distressed who suffer from shortage. Their heart is the abode of God. By serving them you will serve God. Therefore do not have the feeling of hatred, malice and jealousy for them.