23.4.10

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

अपने गुरु के चरणों मे पूर्ण समर्पण करना या अपने शिष्य को हर प्रकार से अपना मान लेने से अच्छी अवस्था अन्य कोई नहीं है I ऐसे सम्बन्ध के बिना कोई भी इस सांसारिक जीवन के भवसागर को पार नहीं कर सकता I

(CI 155 Adhaya 05 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria )