22.11.10

श्री साईं सच्चरित्र संदेश,

जहाँ स्नेहपूर्ण प्रेमभक्ति होती है, जहाँ बाबा के साथ प्रेमपूर्ण लगाव होता है, यथार्थ मे केवल वही प्रेम की तीव्र इच्छा प्रकट होती है I वास्तव मे केवल वहीँ उनकी कथाओं के श्रवण से प्राप्त होने वाले परमानंद को देखा जा सकता है I