18.11.10

श्री साईं सच्चरित्र संदेश,


"जिसने अपनी बुद्धि ब्रह्म मे स्थिर कर ली हो, उसे स्वत: ही साक्षात्कार का अनुभव हो जाता है I ऐसे  महात्मा केवल अपनी दृष्टी की शक्ति से ही उन पापों पर विजय प्राप्त कर लेते है, जिन्हें जीत पाना असंभव होता है I"