4.6.10

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

जिन श्रद्धावान पुरुषो को ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति हो गई है, वे ही आत्मतत्व को भोगने के योग्य है I सच जानो ऐसे भक्त ही सोभाग्यशाली हैं I
(CI 66 Adhaya 08 Sai Sachitra Dr R.N.Kakria)