"मन का कार्य विचार करना है I बिना विचार किये वह एक क्षण भी नहीं रह सकता I यदि उसे शारीरिक अथवा इन्द्रियों के आनंद से सम्बंधित सुखों मे लगा दोगे तो वह उन्ही का चिंतन करने लगेगा I यदि उसे गुरु को अर्पण कर दोगे तो वह गुरु के सम्बन्ध में ही चिंतन करता रहेगा I"
"The work of the mind is to think. There is not a single moment when one does not think. If the subject is the senses, the mind will think of the senses, but if it is the guru, it will think of the Guru."