22.7.10

॥जय श्री कृष्ण

लेना चाहते हो तो आशीर्वाद लो। देना चाहते हो तो अभय दान दो।
खाना चाहते हो तो क्रोध और गम को खाओ।
मारना चाहते हो तो बुरे विचारों को मारो।
जानना चाहते हो तो परमेश्वर को जानो।
जीतना चाहते हो तो तृष्णाओं को जीतो।
पीना चाहते हो तो ईश्वर चिन्तन का शर्बत पीओ।
पहनना चाहते हो तो नेकी का जामा पहनो।
करना चाहते हो तो दीन-दुखियोंकी सहायता करो।
छोड़ना चाहते हो तो झूठ बोलना छोड़ दो।
बोलना चाहते हो तो मीठे वचन बोलो।
तौलना चाहते हो तो अपनी वाणी को तौलो।
देखना चाहते हो तो अपने अवगुणों को देखो।
सुनना चाहते हो तो दुःखियोंकी पुकार सुनो।
पढ़ना चाहते हो तो महापुरुषोंकी जीवनी पढ़ो।
दर्शन करना चाहते हो तो देव दर्शन करो।
चलना चाहते हो तो सन्मार्ग पर चलो।
पहचानना चाहते हो तो अपने आप को पहचानो।