6.7.10

संदेश

दुःख में चीखना चिल्लाना प्रभु के विधान में असंतोष व्यक्त करना है ! भक्त्ति मार्ग में स्थित भक्त्त तो प्रत्येक स्थिति में प्रभु इच्छा मान कर संतुष्ट रहता है !

प्रभु से कभी कुछ मांगो मत !