4.7.10

श्री साईं सच्चरित्र संदेश

जो सांसारिक जीवन के दुखों - सुखों को मिथ्या मानता है और जिसने आत्मतलीन होकर इनके स्वप्न-भ्रम को दूर हटा लिया हो, वह मुक्ति प्राप्त कर लेता है I